इंसानियत के शत्रु वो विकारी कौन हैं?
सदियों से बेमिसाल
संस्कार,संस्कृति और ज्ञान देश है!
पर थोडा सोचें
परखे और जानें
कैसे भारत विकार का शिकार है?
ज्ञान की आढ़ में
आत्महीन लोगों का बोलबाला है
क्या कभी देश के प्रति
उन विकारी ज्ञानियों का
वफ़ादारी भाव था?
कौन थे वो विकारी
जिन्होंने देशवासियों को
वर्ण में बांटा?
कौन थे वो विकारी
जिन्होंने उंच नीच का
नियम बनाया?
कौन थे वो विकारी
जिन्होंने जाति के नाम पर
छुआछूत का षडयंत्र रचा?
कौन थे वो विकारी
जिन्होंने श्रेष्ठता का दम्भ भरकर
देश,समाज को नष्ट किया?
कभी सोचा है
कौन हैं यह विकारी
जो बड़ी आसानी से
देशभक्ति,राष्ट्रवाद
संस्कार,संस्कृति
हिन्दू और हिंदुत्व के
कम्बल में छुपकर
आपके घर में
आपके मन में घुस आते हैं
और आपकी वैचारिक
शक्ति को दीमक की तरह
चाट जाते हैं ?
सोचिये भला वो कैसे हिन्दू हैं
जो ब्राह्मणवाद के नाम पर
दूसरी जातियों का शोषण
करते हैं?
वो कैसे हिन्दू हैं
जो अपनी माँ
बहनों,बेटियों का
बलात्कार करते हैं?
वो कैसे हिन्दू हैं
जो समाज में हर समय
फुट डालने के लिए
धर्म को ढाल बनाते हैं?
ठीक है आप इतिहास में
नहीं जाना चाहते
तो आइये वर्तमान का
आकलन कीजिये !
बताइए वो कौन हैं
जो सुबह शाम
संविधान की बजाए
हिंदुत्व की बात करते हैं?
बताइए वो कौन हैं
जो हर समय
राष्ट्रवाद की बात करते हैं?
बताइए वो कौन हैं
जो संविधान से नहीं
देश मनुस्मृति से चलाना चाहते हैं?
जी तो साफ़ साफ़
आपके सामने है उतर
गांधी को मारने वाले कौन थे ?
भगतसिंह की फांसी की सज़ा की
वकालत करने वाले कौन थे ?
सावित्रीबाई फुले पर
पखाना फैंकने वाले कौन थे?
अंग्रेजों की मुखबरी
करने वाले कौन थे?
जी सही समझे
आपको आत्महीन हिन्दू बनाकर
गर्व से हिन्दू कहो का
नारा लगवाने वाले
देश को बेचने वाले
छद्मी हिन्दू हैं!
वो आज सत्ता पर
विराजमान हैं
जो देश,धर्म,विविधता
समता,प्रेम,संस्कृति
इंसानियत के शत्रु
आपके आसपास मौजूद हैं
वो है विकारी संघ आरएसएस !
यह विकारी संघ
कहता है,लिखता है
राष्ट्रहित सर्वोपरि
झूठ पाखंड का सिरमौर
सत्य नहीं
झूठ का प्रचारक !
यह कैसे धड़ल्ले से
झूठ का कारोबार करते हैं?
क्योंकि आप कभी इनसे नहीं पूछते
ये कौन सा राष्ट्र बनाना चाहते हैं?
इनका वही राष्ट्र है
शोषण,अन्याय,असमानता
वर्चस्ववाद और श्रेष्ठता की
आत्महीनता से ग्रस्त
वर्णवादी राष्ट्र !
इनका वर्णवादी राष्ट्र
गांधी नेहरु और आम्बेडकर के
खात्में के बिना सम्भव नहीं
इसलिए गाँधी को मारा
नेहरु को गलियाया
आंबेडकर को नष्ट कर रहे हैं
क्योंकि आप आत्महीनता से ग्रस्त
हिन्दू हैं
जो देश की बजाय
अपनी जाति के रक्षक है
विविधता की बजाय
एकाधिकार और व्यक्तिवाद को श्रेष्ठ मानते हैं
संविधान सम्मत भारत नहीं
आरएसएस का हिन्दू राष्ट्र चाहते हैं !
अपने अंदर देखिये
आपको अपने पडोसी से नफ़रत
करना किसने सिखाया?
दूसरे धर्म के प्रति आपके दिल में
ज़हर किसने भरा ?
आप सच्चे राष्ट्र भक्त हैं
तो संविधान सम्मत भारत है
आप सच्चे इंसान हैं
तो भारत में सर्वधर्म समभाव है
तय कर लीजिये
आप आत्महीन होकर
गर्व से हिन्दू बोलने वाले
वर्णवादी शोषक हैं
या
संविधान सम्मत भारत के पैरोकार
अहिंसा,समता,प्रेम को मानने वाले
बुद्ध,नानक,कबीर,गांधी
भगत सिंह और विवेकानंद के उतराधिकारी !