Thursday, August 31, 2023

गांधी पथ वहीं ठहरा रहा .... -मंजुल भरद्वाज

 गांधी पथ वहीं ठहरा रहा ....

-मंजुल भरद्वाज 


नीति के लिए 

संघर्ष करने वाले 

धड़े,गुट,गिरोह में 

विभाजित हो 

पथभ्रष्ट हो गए !

गांधी गांधी जपते 

सत्यवीर हो गए 

अपनी सुविधा से 

गांधी की आड़ में छुप गए !

अवसर देख गांधी को 

कुटिया में छोड़ आए !

गांधी पथ 

किसी अदालत पर 

खत्म नहीं होता 

अपितु अदालतों के गुरुर 

सर्वशक्तिमान ताक़त के 

मकबरे को 

अंतरात्मा के विवेक से रोशन करता है !

गाँधी उस विवेक का सार्वभौम स्वरूप है 

जो जन पीड़ा की आहुति से 

प्रज्ज्वलित होता है !

आत्म सुख से नहीं 

जन पीड़ा की वेदना को 

जीवन में उतार लेना 

जन में विश्वास

जन के विश्वास की धुरी है 

गांधी !

गांधी ने अपने  

सत,सूत और सूत्र से 

बुना था भारत का जनमत 

जिस पर खड़ी है 

भारत की बुनियाद !

आज भारत की बुनियाद 

ध्वस्त हो रही है 

जनमत मूर्छित है 

जरूरत मात्र मीलार्ड के 

आदेश पालन भर की नहीं है

जरूरत मूर्छितकोर्ट की 

अंतरात्मा जगाने की है !

गांधी ने वही किया था 

उसी से गुलाम जनता का डर भागा था 

सत्याग्रह की बुनियाद है निडर होना 

जनमानस का भयमुक्त होना !

आज गांधी बस एक सन्दर्भ बने 

गाँधी पथ ... 

वहीं ठहरा रहा 

खैर हर सत्याग्रही को 

अपने अपने हिस्से का 

पथ गमन करना है !

गांधी राष्ट्रपिता है 

इसलिए अपने इस्तेमाल से 

दुखी नहीं होते 

वो मुस्कुरा देते हैं !

हम गाँधी को अपनी तरह समझ लेते हैं 

अपना अपना गांधी बाँट लेते हैं

समय की पुकार है 

गांधी को समग्र समझने की 

जीवन में गांधी को जीने की 

हे गांधी !

#गांधी #मंजुलभरद्वाज

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