Thursday, August 31, 2023

अंधकार, अन्धकार, अंधकार ! -मंजुल भारद्वाज

 अंधकार, अन्धकार, अंधकार !

-मंजुल भारद्वाज

अंधकार, अन्धकार, अंधकार ! -मंजुल भारद्वाज


एक सनकी प्राणी 

जो मनुष्य के भेष में 

अब तक चुनाव जीतता आया है 

अब चुनाव हारने वाला है 

चुनाव हारने की ख़बर से 

वो डरा हुआ है !

इस डर से

वो दिमागी संतुलन खो चुका है 

अब वो 

आपके मौलिक अधिकार छीन सकता है 

बिलकुल नोट बन्दी की तरह 

याद कीजिये आपका अपना पैसा होते हुए भी आप 

एक एक पैसे को मोहताज़ हो गए थे !

यह आपकी धार्मिक आज़ादी छीन सकता है 

बिलकुल देश बंदी की तरह 

जैसे आप अपने घरों में कैद थे 

एक एक सांस के लिए तरस रहे थे 

याद हैं ना ऑक्सीजन ऑक्सीजन !

आपकी बिजली काट दी जाएगी 

इन्टरनेट बंद कर दिया जाएगा 

बिलकुल मणिपुर और कश्मीर की तरह 

फिर आपके परिवार पर 

और आप पर वही बीतेगी 

जो मणिपुर और कश्मीर में बीत रही है !

भारतीयता को छोड़ 

हिन्दू होने पर गर्व करने वालो 

अब आपसे वोट देने का अधिकार भी 

छिन सकता है 

एक देश, एक चुनाव 

एक ही बार चुनाव 

अंतिम चुनाव 

एक देश, एक व्यक्ति 

बस बाकी उस व्यक्ति की भक्ति !

संविधान 

कैसा संविधान 

मनुस्मृति

वर्णवाद 

हिन्दू राष्ट्र का निर्माण 

एक हज़ार साल तक चलेगा !

कौन बचाएगा 

सुप्रीमकोर्ट ?

सुप्रीमकोर्ट खुद अपने को बचा ले 

सबसे लाचार और शक्तिहीन 

सुप्रीमकोर्ट ही है 

एक अदना सा विधान सभा अध्यक्ष

सुप्रीमकोर्ट को अपनी जुते की नोंक पर रखता है 

याद करो महाराष्ट्र कांड !

सुप्रीमकोर्ट ने क्या किया 

राफ़ेल घोटाले में 

नोट बन्दी घोटाले में 

एक पत्थर को प्रतिवादी मानकर

राम मंदिर का फैसला सुनाकर

संविधान की हत्या वाले सुप्रीमकोर्ट ने 

पैदल चले मज़दूरों के बारे में 

47 लाख लोग सरकार ने मौत के घाट उतार दिए 

लोगों के बारे में क्या किया ?

निल बटे सन्नाटा !

आंबेडकर को मानने वाले 

आम्बेडकर के संविधान सभा में 

संविधान पटल पर रखते हुए दिए भाषण को भूल गए 

‘संविधान को लागू करने वाले लोग बुरे हुए तो 

संविधान कितना भी अच्छा क्यों ना हो 

अंतत निर्रथक साबित होगा’ ! 

सत्य,अहिंसा और विवेक 

जगाने वाले गांधी को 

खारिज़ कर 

क्या मिला आपको ?

स्मार्ट फ़ोन 

इन्टरनेट 

यू tube

सोशल मीडिया 

एक झटके में बंद !

फिर क्या करोगे ?

अरे जो भारतीय होने पर गर्व नहीं कर सके 

वो कर भी क्या सकते हैं ?

वो मरते रहेंगे 

धर्मांध सत्ता 

हिन्दू राष्ट्र 

उनका कत्ल करता रहेगा 

वो राम मंदिर में जयकारा 

लगाते रहेंगे 

युगों युगों तक !

अमृत काल, अमृत काल 

अंधकार, अन्धकार, अंधकार !

No comments:

Post a Comment

कभी फुर्सत मिले तो सोचना ! -मंजुल भारद्वाज

 कभी फुर्सत मिले तो सोचना ! -मंजुल भारद्वाज तुम स्वयं  एक सम्पति हो  सम्पदा हो  इस पितृसत्तात्मक व्यवस्था में  कभी पिता की  कभी भाई की  कभी ...