Friday, February 24, 2023

‘उनको’ - मंजुल भारद्वाज

 ‘उनको’

- मंजुल भारद्वाज 
‘उनको’  - मंजुल भारद्वाज


विकारी संघ के विष कुंड में 
विष ‘उनको’ मारो से आता है 
जनता ‘उनको’ मारने के 
उन्माद में ‘उनको’ मारती है 
विकारी संघ ‘उनको’ की 
पहचान समय समय पर बदलता है 
सत्ता के तख्त के लिए 
‘उनको’ का मतलब मुसलमान होते हैं 
सामाजिक वर्चस्व के लिए 
‘उनको’ का मतलब दलित होते हैं 
सांस्कृतिक शुद्धता के लिए 
‘उनको’ का मतलब महिला होता है 
हर बार पढ़ा लिखा वर्ग 
विकारी संघ के ‘उनको’ को 
जायज ठहराता है 
मध्यमवर्ग राम भक्ति के 
पाखंड में लीन हो 
मलाई की बाट जोहता है 
बेरोजगार कम पढ़ा लिखा 
भीड़,भेड़ और भ्रम का शिकार युवा 
‘उनको’ पर हमला करता है 
पुलिस हमलावरों को संरक्षण देती है 
मीडिया ‘उनको’ से मुनाफ़ा कमाता है 
सुप्रीमकोर्ट मौन समाधि धारण करता है 
संविधान सुबकता रहता है!

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