Saturday, July 16, 2022

खिले हुए कमल के बरक्स -मंजुल भारद्वाज

 खिले हुए कमल के बरक्स

-मंजुल भारद्वाज


खिले हुए कमल के बरक्स -मंजुल भारद्वाज

मेरे भीतर कई मसान हैं

जिसमें जलते रहते हैं

अरमानों के मुर्दे

इंकलाब के आशियां

एक बदबूदार व्यवस्था के बीचों बीच

खिले हुए कमल के बरक्स

उजड़ गया है पूरा गुलशन

अपने ही मरघट में जलता हुआ!

#खिलेहुएकमलकेबरक्स #मंजुलभारद्वाज

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