जनता से कोई नहीं डरता !
- मंजुल भारद्वाज
भारत में जनता से
कोई नहीं डरता
जनता सबसे डरती है
पुलिस वाले से
नेताओं के गुंडों से
धर्म के ठेकेदारों से
चैनल में बैठे सत्ता के चाटुकारों से
जनता सबसे डरती है !
बिके हुए न्याय से
नीलाम न्यायधीश से
चुने हुए तानाशाह से
राजनीति के पयादों और वजीरों से
जनता डरती है
जनता से कोई नहीं डरता !
गली गली घूमकर
वोट मांगने वाला
चुनाव जीतते ही
ईमान बेच
पार्टी बेच नेता
जनता के पैसों से पलने वाले
ई डी के सामने नाक रकड़ता है
अपनी पार्टी से दगाबाजी करता है
तानाशाह देश बेचकर नेताओं को खरीदता है
जनता तानाशाह से डरती है
तानाशाह 56इंच का सीना लिए बेखौफ घूमता है !
तानाशाह ने जनता को धर्म की अफ़ीम खिलाई है
जाति का पाठ पढ़ाया है
मुफ़्त में राशन खिलाया है
जनता ने खुद को
धर्म,जात और 5किलो अनाज में
तानाशाह को मुफ्त में बेच दिया है
वो अब सिर्फ़ भीड़ है
भीड़ अब खुद ही तबाही का तमाशा देख रही है
इतिहास खुद पर शर्मिंदा है
बापू तेरे क़ातिल आज भी ज़िंदा हैं!
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