Saturday, November 2, 2019

साहस कर सवाल पूछो ! - मंजुल भारद्वाज

साहस कर सवाल पूछो !
- मंजुल भारद्वाज
क्या संविधान सम्मत बोलना
जीना,बोलना अपराध है?
कोई पल पल झूठ बोले
जुमले बोल बोल वोट ले
जनता को गुमराह कर
प्रधान सेवक हो जाए
मीडिया सच्चाई दिखाने में घबराए
तड़ीपार पार सम्पादकों को धमकाए
तो अपने आप से सवाल पूछिए
क्या आप राष्ट्र भक्त है?
क्या आपका संविधान में विश्वास है?
क्या आपका लोकतंत्र में भरोसा है?
क्या आपको स्वतन्त्रता पसंद है?
क्या आपका ज़मीर जिंदा है?
या आपकी आत्मा सोई है
चेतना गिरवी है
आप सिर्फ़ पशु समान हैं
विवेक बुद्धि के बिना
पेट के बल रेंगने वाले जीव है
तो सत्ताधारी से डरना स्वाभाविक है
वरना जिंदा कौम सवाल करती है
जुमलेबाज़ और तड़ीपार भागीदारों को
सत्ता से बाहर करती है
2014 में आपने किया है
याद रखिये ये देश किसी की जागीर नहीं
इसको लूटे वो फ़कीर नहीं
आप हैं इसके मालिक
अपने स्वाभिमान को जगाइए
राजनीति में हिस्सेदारी बढाइये
किसी मीडिया या विज्ञापन के भरोसे
मत बैठिये
मन्दिर–मस्जिद के झांसे में मत आइये
अपनी आस्था में देश को मत जलाइये
राम तो सत्ता छोड़ वनवास चले गए थे
ये सत्ता के लिए राम की मर्यादा
तार तार कर रहे हैं
याद रहे इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं
जिस कार्य से इंसान मारा जाए
उससे बड़ा अधर्म नहीं
धर्म की सत्ता जहाँ
इंसानियत होती है जिंदा वहां
जहाँ इंसान मरें
हैवानियत का बोलबाला हो
वहां अधर्म होता है
धर्म और अधर्म के फ़र्क को समझो
विवेक से काम लो
देशभक्ति का फर्ज़ निभाओ
साहस कर सवाल पूछो
आपका वोट करे चोट
मालिक होने का धर्म निभाओ
संविधान बचाओ, देश बचाओ!
#संविधान #देश #धर्म #राम #इंसानियत #मंजुलभारद्वाज

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