ये पढ़े लिखे हैं
- मंजुल भारद्वाज
ये पढ़े लिखे हैं
कबीर को ‘व्याकरण’ पढ़ायेंगे
ये प्रशिक्षित हैं ‘एकलव्य’ को
धनुर्विद्या सिखायेगें
ये वर्णवाद को पूजते हैं
नानक को ‘एक पंगत,एक संगत’ का
पाठ पढ़ायेंगे
ये सरकारी सांसों पर
जीने वाले निराधार
आपका आधार बनाएंगे !....
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