हम कौन हैं !
-मंजुल भारद्वाज
अतीत के सृजन बिन्दुओं को
एक एक कर जोड़ते हुए
वर्तमान में घटित होते हुए
सृजन बिन्दुओं से
भविष्य को रचते हुए
भूत..वर्तमान..भविष्य
कल,आज और कल में
सीधी रेखा खींचते हुए
पिरोते हुए बिन्दुओं को
एक धागे में
भूमध्य रेखा की भांति
अपने ध्रुवों से बंधे हुए
हम कौन हैं!
....
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