Thursday, April 7, 2022

पत्थर से चिंगारी निकलती रहेगी ! -मंजुल भारद्वाज

 पत्थर से चिंगारी निकलती रहेगी !

-मंजुल भारद्वाज

पत्थर से चिंगारी निकलती रहेगी !  -मंजुल भारद्वाज

 

अँधेरे का सम्राट 

यह जान ले 

अँधेरा अजर अमर नहीं है 

उसका एक निश्चित काल है 

अँधेरे का अंत तय है 

अँधेरे का प्रतिरोध 

सदा से है 

जब बिजली नहीं थी 

तब दीया था 

जब दीया नहीं था 

तब जुगनू थे 

जब जुगनू नहीं थे 

तब पत्थर थे 

पत्थर से चिंगारी 

निकलती रहेगी 

अँधेरे में मशाल 

जलती रहेगी 

अँधेरे को परास्त 

करती रहेगी !

#अँधेरा #मशाल #मंजुलभारद्वाज

No comments:

Post a Comment

कभी फुर्सत मिले तो सोचना ! -मंजुल भारद्वाज

 कभी फुर्सत मिले तो सोचना ! -मंजुल भारद्वाज तुम स्वयं  एक सम्पति हो  सम्पदा हो  इस पितृसत्तात्मक व्यवस्था में  कभी पिता की  कभी भाई की  कभी ...