उर्दू भारत की संविधान सम्मत भाषा है !
- मंजुल भारद्वाज
उर्दू किसी मज़हब
कौम या प्रांत की भाषा नहीं है
भारत में उर्दू
संविधान सम्मत भाषा है!
किसी के रहमो करम की भीख नहीं
नोट से लेकर सरकारी महकमों
स्कूल,कॉलेज, विश्वविद्यालय
रेलवे ,बस स्टॉप तक में
उर्दू लिखी,पढ़ी और बोली जाती है
कीचड़ बने चाटुकार चैनलों को
ना पता है संविधान
ना है भाषा का ज्ञान!
70 साल में कुछ नहीं हुआ के मारे
भ्रष्टाचार आंदोलन के प्यारे
हल्दी घाटी के हल्दी
राम मंदिर के राम वाले हल्दीराम
अब पिट रहे हैं सारे
जो आज कमल पकड़े खड़ा है
उसका कीचड़ बनना तय है !
किसी भी उन्मादी रंग की पट्टी बांध
हुड़दंग करने वाले
100 रुपए की दिहाड़ी पर बिकने वाले
पद्मश्री के लिए ज़हर उगलने वाले
लेखक,अभिनेता,फिल्मवाले
व्यंग कवि और गीतकार
सत्ता की बिसात पर
तुम्हारी क्या औकात?
याद करो कौन बचा
क्या आडवाणी बचे
महबूबा मुफ्ती बचीं
टीडीपी बची
नीतीश बचे
अकाली दल बचा?
जिस जिस ने
संघ - मोदी का साथ दिया
उन्होंने उसी को डसा !
इतिहास गवाह
वर्णवाद संस्कृति नहीं
मानवता के लिए अभिशाप है
विकार किसी को नहीं छोड़ता
करता सबका सत्यानाश है !
समय बड़ा विकट है
बाट जोहता मरघट है
वो जो आज आत्ममुग्ध है
कल चंदन लगाकर भी महक नहीं पायेगा
चंद मिनटों में स्वाह हो जायेगा
ना तख्त बचेगा ना ताज
कोई नामलेवा
कहीं नज़र नहीं आयेगा !
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