वसुंधरा की कलाएं
- मंजुल भारद्वाज
वसुंधरा की कलाएं
ब्रह्म मुहूर्त ,भोर ,प्रभात
सूर्योदय, सुबह , दोपहर
शाम, गोधुली , सूर्यास्त
रजनी, रात , रात्रि
पल ,पहर ,दिन का निर्माण करती हैं
ये सत्य है , तथ्य है
सूर्य अपने तेज़ के साथ
सतत , सतेज और निरंतर है
वो ना ‘उदय’ होता है ना ‘अस्त’
सूर्योदय और सूर्यास्त काव्यात्मक
व्यवाहरिक , प्रचलित , प्रस्थापित सत्य है
वैज्ञानिक ‘सत्य’ नहीं
प्रचलित , प्रस्थापित और वैज्ञानिक सत्य के
भेद को भेदना ही ‘कलात्मक’ शोध है
यही ‘कलात्मक’ शोध कलाकार का ‘जीवन’ है !
#वसुंधरा #मंजुलभारद्वाज
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