जवानी
- मंजुल भारद्वाज
जवानी जुनून है
अमूर्त ख्वाबों को मूर्त करने का
यथार्थ से जूझकर
थक चुकी पीढ़ी के अधूरे सपनों को
साकार करने का !
जवानी बेलाग हौंसला है
अपने तसुव्वर को
दुनिया में उतारने का !
जवानी नव चैतन्य है
दुनिया के
अतीत और आईन को
वर्तमान में लिखती तहरीर है !
जवानी उमंग है
उफनते समंदर की तरंग है
किसी में समा जाने
और
किसी को अपने भीतर
समा लेने का जज़्बा है !
जवानी अनकही
मंज़िल की यात्रा का
अटूट संकल्प है !
जवानी दीवानी है
तो
जवान विवेकशील चेतना !
जवानी भावनाओं का सैलाब है
तो
जवानी विचारों की समाधि !
जवानी लहर है
तो
जवान साहिल !
जवानी समंदर है
तो
जवान उसकी गहराई !
जवानी संजीदा है
तो
जवान उसका मर्म !
जवानी इश्क़ है
तो
जवान परवाना !
जवानी भविष्य को
जन्म देने वाली जननी
तो
जवान भविष्य का सृजनकार !
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