Tuesday, March 21, 2023

अग्नि -मंजुल भारद्वाज

 अग्नि 

-मंजुल भारद्वाज 

संवेदनाओं पर जमी 

बर्फ़ को पिघलाती

सर्द आहों के बीच जलती 

प्रेम अग्न  !

इश्क़ में सुलगता दिल

जिस्म की तपिश 

पेट की आग़

मोहब्बत का जलता चराग़ !

नफ़रत के धुएं से घिरा 

ईर्ष्या में जलता विकार 

चैतन्य में तपता विचार 

अमन के लिए जली मोमबत्ती !

जीवन अग्न लिए 

वसुंधरा के गर्भ में 

पलता 

धधकता लावा !

मौत का जश्न मनाती  चिता 

अपने को 

सूर्य में तपाती अग्नि 

सबको मुक्त करती है!

अग्नि   -मंजुल भारद्वाज

#अग्निसबकोमुक्तकरतीहै #मंजुलभारद्वाज

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