वक़्त लिख जाता है
-मंजुल भारद्वाज
वक़्त लिखता रहता है
चेहरे पर अपनी दास्ताँ
कभी पल
कभी लम्हें
कभी पहर
कभी वर्ष
कभी सदी
और कभी
युग लिख जाता है !
#वक़्तलिखजाताहै #मंजुलभारद्वाज
कभी फुर्सत मिले तो सोचना ! -मंजुल भारद्वाज तुम स्वयं एक सम्पति हो सम्पदा हो इस पितृसत्तात्मक व्यवस्था में कभी पिता की कभी भाई की कभी ...
No comments:
Post a Comment