‘भारत एक विचार’ के महान सपूत!
-मंजुल भारद्वाज
नेहरु की लोकतांत्रिक विरासत को
ध्वस्त करने के लिए
भगतसिंह को अलग बताया
गाँधी आंबेडकर के द्वंद्व को
दुश्मनी बता सता का खेल रचा
गांधी,नेहरु,भगत,आंबेडकर में
द्वंद्व,अंतर्द्वंद्व थे
ये अंतर्द्वंद्व
संवैधानिक,लोकतांत्रिक
भारत एक विचार के लिए थे
द्वेष,नफ़रत,वैमनस्य और हिंसा से
सत्ता हासिल करने के लिए नहीं
आओ हम भारत के लोग
इन महान सपूतों के
अंतर्द्वंद्वों को स्वीकारते हुए
विकारियों को सता से बेदखल कर
भारत एक विचार के महान शहीदों के
सपनों को पूरा करें !
No comments:
Post a Comment