Tuesday, January 24, 2023

सत्ता समायोजन ( Appropriation for Power) -मंजुल भारद्वाज

 सत्ता समायोजन ( Appropriation for Power)

-मंजुल भारद्वाज
भारत में आजकल 
विकारी सत्ता का दौर है 
जिसका झूठ,पाखंड और 
जुमलों पर ज़ोर है !
मजे की बात यह है 
जिनका इतिहास में 
कोई नामलेवा नहीं 
वो इतिहास पुरुषों को 
इतिहास में जगह दिला रहे हैं !
विकारी कीचड़ की यह जोंक 
जनता का खून चूसकर 
गिरगिट से भी तेज़ 
सत्ता के लिए 
अपना रंग बदल रहे हैं ! 
बानगी देखिये 
गांधी के हत्यारे 
सत्ता पर बैठने के लिए 
गांधी के पुतलों को पूज
गोडसे वंशजों को सांसद बना रहे हैं !
जिस लौह पुरुष ने 
इनके ज़हरीले संघ को बैन किया था 
यह उनकी सबसे बड़ी मूर्ति बनवा रहे हैं 
जिस सुभाष बाबू ने 
इनके छद्म को उजागर किया 
अब उन्हीं के होलोग्राम का 
राजपथ पर उद्घाटन कर रहे हैं !
चीन के अतिक्रमण पर 
56इंची के मौन को 
बड़े गौर से देख रही जनता 
इनके छद्म राष्ट्रवाद की होलिका दहन का 
इंतज़ाम कर रही है ! 
निर्लज्जता की सारी सीमाएं लांघ
सत्ता
सिर्फ़ सत्ता 
सत्ता के लिए यह विकारी
सभी तरह का समायोजन कर 
अपनी चाल,चरित्र और चेहरा 
गिरगिट से भी तेज़ बदलते हैं !

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