Thursday, March 5, 2020

अनंत राही ! - मंजुल भारद्वाज

अनंत राही !
- मंजुल भारद्वाज

जड़ और चेतना का द्वंद्व
शाश्वत है
चेतना के हर पड़ाव की
रोशनी जीवन को उज्जवलित करती है
जड़ता का पड़ाव रहस्य की
चादर ओढ़े हमारे सामने होता है
हर क्षितिज पर रोशनी
हर मुकाम पर जड़ता का रहस्य
जैसे शरीर और परछाई
जड़ता से मुक्त हो
चैतन्म होना ही मोक्ष है
चेतना ज्ञान सागर की गंगोत्री है
जड़ता संसार का यथार्थ
शरीर से संसार
देह नश्वर है
जीवन अनंत
मैं जीवन पथ पर हूं
जड़ता के रहस्यों को
अपनी कला से
रोशन करता हुए
अनंत जीवन पथ का
अनंत राही....!


#जड़ता #चैतन्य #कला #मंजुलभारद्वाज

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