बरखुरदार
-मंजुल भारद्वाज
तम से जीत
चैतन्य से प्रीत
अहं की हार
सम संसार
भ्रम पर वार
सत्य हो स्वीकार
अधिकार मिलेगें
जब कर्तव्य
निभाओगे बरखुरदार!
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#मूल्य #जीवन #मंजुलभरद्वाज
कभी फुर्सत मिले तो सोचना ! -मंजुल भारद्वाज तुम स्वयं एक सम्पति हो सम्पदा हो इस पितृसत्तात्मक व्यवस्था में कभी पिता की कभी भाई की कभी ...
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