पूर्व – पश्चिम
- मंजुल भारद्वाज
पूर्व ‘समग्र’
पश्चिम ‘व्यक्तिवाद’
पूर्व ‘ज़रूरत’
पश्चिम ‘लालच’
पूर्व ‘त्याग’
पश्चिम ‘भोग’
पूर्व ‘योग – विश्व कल्याण’
पश्चिम ‘बाज़ार – विश्व शोषण’
पूर्व ‘मैं में समग्र’
पश्चिम ‘समग्र में मैं’
....
#सभ्यता #बाज़ार #मंजुलभारद्वाज
No comments:
Post a Comment