Wednesday, October 30, 2019

कालचक्र को भेदता कलाकार - मंजुल भारद्वाज

कालचक्र को भेदता कलाकार
-मंजुल भारद्वाज
कल्पना.यथार्थ
छवि. अक्स
एकांत, समूह
प्रकृति.प्रवृति
संघर्ष,संवेदना
धारणा,व्यवस्था
समस्या,समाधान
समर्पण,सत्व
खोज, सृजन
एक प्रकिया
एक रहस्य
अनुभूति,रोमांच
अमूर्त..मूर्त..अमूर्त
के कलाचक्र को
अपनी कला से भेदता
बांधता,रचता,
गति,गन्तव को
उत्प्रेरित,सुभाषितसम्प्रेषित करता कलाकार!


#कलाकार #मंजुलभारद्वाज

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