गंतव्य
- मंजुल भारद्वाज
यादों,आकांक्षाओं का सिलसिला
मन के राडार पर तीव्र गति से
घूमता हुआ
रनवे पर उतरते और उड़ान भरते
उड़नखटोलों की तरह!
एक ख्वाब के गंतव्य पर पहुंचने की खुशी
दूसरे का गंतव्य पर रवाना होने का रोमांच !
अनोखा ,अनकहा
रोमांच और रहस्य का
मनस्वी संसार
अपने गंतव्य की उड़ान भरता हुआ!
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