Tuesday, July 23, 2019

सहर होगी साथी - मंजुल भारद्वाज

सहर होगी साथी
  -मंजुल भारद्वाज
 
सहर होगी साथी 
ये यकीन है 
सहर का कोई विकल्प नहीं है 
कलाकार, सृजनकार बदलते हैं
सृष्टि का चक्र 
अँधेरा रहता नहीं कायम
घूमती है पृथ्वी अपनी 
धूरी पर, खेलती है 
अँधेरे उजाले का व्यवहारिक खेल 
अपना अपना विश्वास है 
सत्य, तत्व और दृष्टि पर 
वरना सूर्य सतत रोशन रहता है 
ना अस्त होता है ना उदय 
सहर होगी साथी ..सहर का कोई विकल्प नहीं है 
सहर ...
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