Tuesday, July 23, 2019

हे भूमि पुत्रो तुम्हें सलाम -मंजुल भारद्वाज

हे भूमि पुत्रो तुम्हें सलाम
-मंजुल भारद्वाज 
हे भूमि पुत्रो तुम्हें सलाम 
अपने खेतों की मेढ से निकल 
अपने गाँव से निकल कर 
लाल झंडे हाथ में लिए 
अपने हक्क हकूक के लिए 
विकास पथ पर बढ़ते हुए 
तुम्हारे क़दमों की ताल से 
गूंजते तुम्हारे हौंसले को सलाम !

आज विघटित,व्यक्तिवाद की गिरफ्त में 
जकड़े हुए समाज में 
तुम्हारी संगठित ताकत को सलाम!

ऐ माटी के लाल अबकी बार 
हाकिम को एक मांगपत्र देकर मत रुक जाना 
एक जुमला सुनकर मत बहक जाना 
डिजिटल इंडिया के गवरनेन्स के झांसे में मत आ जाना 
आज आर पार की लड़ाई में तुम चूक मत जाना

आज तुम्हें ऐ भूमि पुत्रों 
तुम्हारा हक्क दबाये हर हाकिम से लड़ना है 
तुम्हारा निशाना उस ‘मीडिया’ पर भी होना है 
जो तुम्हारे होने और तुम्हारे संघर्ष को नकारता है 
भूमंडलीकरण के दैत्य को ईश्वरीय वरदान देते 
सेंसेक्स को भी पलटना है 
तुम्हारी लड़ाई अगर सिर्फ़ MSP और 
कर्ज़माफ़ी तक रही तो तुम्हारे 
खेत खलिहान श्मशान बनते रहगें 
तुम्हें निशाना शोषण के मूल पर लगाना है 
अपनी फ़सल का अब स्वयं दाम तय करना है!

केंद्र में बैठे, 
तुम पर मेहरबानी की भीख के 
टुकड़े फैंकने वालों से अब सत्ता छीननी है 
पर उसके लिए तुम्हें अपने आप से लड़ना है 
अपने अन्दर बैठे जातिवाद को हराना है 
अपने अन्दर बैठे धर्म के पाखंड पर विजय पानी है 
अपने अंदर बैठे सामन्तवादी ‘खाप’ से लड़ना है
तुम्हारे साथ कंधे से कन्धा मिलाती महिला को 
अपने बराबर हिस्सेदारी का सम्मान देना है 
और ये तुम कर सकते हो ..
इसके लिए तुम्हें बाहर नहीं 
अपने आप से लड़ना है 
हे क्रांतिवीरो स्मरण रहे 
दुनिया के हर क्रांतिकारी को पहले 
अपने आप से लड़ना होता है 
चाहे गांधी हो , नानक हो , बुद्ध हो 
ये जब तक अपने आप पर विजय पाते रहे 
तब तक क्रांति का परचम लहराते रहे

मुझे तुमसे बहुत उम्मीद है 
इस भूमंडलीकरण के गुलामी काल में 
इस कॉर्पोरेट लूट और पूंजी के नगें नाच में 
विकास पथ पर लाल झंडे लिए 
तुम्हारे कदम क्रांति की ताल ठोंक रहे हैं 
हे माटी के लाल इस ताल को स्वयं भी सुनो 
इसको चंद मांगो की पूर्ति का मोर्चा भर नहीं 
अब सम्पूर्ण क्रांति के मार्च का गीत बनो !
...
किसान आन्दोलन के समर्थन में !
#किसान #भूमंडलीकरण #हाकिम #मंजुलभारद्वाज



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