Monday, February 27, 2023

विचार और विकार का संघर्ष ! -मंजुल भारद्वाज

 विचार और विकार का संघर्ष !

-मंजुल भारद्वाज

जिन्होंने दुनिया को बताया 
वर्ग संघर्ष है 
धर्म संघर्ष है 
जाति संघर्ष है 
अमीर-गरीब का संघर्ष है 
उन्होंने ग़लत बताया 
सही आकलन नहीं किया 
अपने विश्लेष्ण से दुनिया को भ्रमित किया 
दुनिया में 
विचार और विकार में संघर्ष है
आत्मबल और आत्महीनता में संघर्ष है
विवेक और वर्चस्ववाद में संघर्ष है
अहिंसा और हिंसा में संघर्ष है 
ज्ञान और अज्ञान में संघर्ष है 
न्याय और अन्याय में संघर्ष है
प्रकृति और विकृति में संघर्ष है 
विज्ञान और तकनीक में संघर्ष है!
झूठ है यह की दुनिया में अल्पसंख्यक ख़तरे में होते हैं 
अगर दुनिया में अल्पसंख्यक ख़तरे में होते तो 
दुनिया में कोई अमीर नहीं बचता 
कोई सत्ताधीश नहीं बचता 
कोई धर्मगुरु नहीं बचता 
क्योंकि इनकी संख्या कुल आबादी के बरक्स
सिर्फ़ दो से चार फ़ीसदी है 
आदिकाल से अब तक 
और यह कभी ख़तरे में नहीं थे !
भारत बहुसंख्यक देश नहीं है 
यह अल्पसंख्यकों का बहुसंख्यक देश है 
यहाँ जितने धर्म है उतने अल्पसंख्यक हैं 
जितनी भाषा हैं उतने अल्पसंख्यक हैं
जितनी जात हैं उतने अल्पसंख्यक हैं
और इन अल्पसंख्यकों पर 
4.3 फ़ीसदी ब्राह्मणों का सदियों से राज है 
आज की जनगणना के अनुसार 
लगभग 6 करोड़ ब्राह्मणों का राज है 
वही इस देश को चलाते हैं 
आज़ादी के बाद संविधान सम्मत भारत ने 
अहिंसा,विवेक,ज्ञान,विज्ञान
धर्मनिरपेक्षता,समानता,समता के मूल्यों से 
मनुवादी सत्ता को उखाड़ फेंका था 
आधे ब्राह्मणों ने संविधान के मूल्यों को अपनाया 
और संविधान सम्मत भारत का निर्माण किया 
नेहरु उनमें से एक थे 
जो सिर्फ़ जन्म से ब्राहमण हैं 
मनुवादी हैं 
ऐसे ब्राह्मणों ने संविधान का विरोध किया 
आर एस एस बनाया 
और संविधान सम्मत भारत की जड़ों को खोदने के 
षड्यंत्र में जुट गया
आज भारत में 
नेहरु और हेगड़ेवार का सत्ता संघर्ष है 
संविधान सम्मत भारत के पक्षधर ब्राह्मणों
और 
मनुवादी ब्राह्मणों के बीच संघर्ष है
बाकी सब इनके सत्ता संघर्ष के मोहरे हैं !
...

Art work: Uday Deshmukh


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