मंजुल भारद्वाज कविता कोश - Manjul Bhardwaj Poetic Vision
(Move to ...)
Home
Hindi
Marathi
▼
Wednesday, February 22, 2023
स्पंदन - मंजुल भारद्वाज
स्पंदन
- मंजुल भारद्वाज
स्पंदन
क्या है स्पंदन
स्व
प्रदत्त नश्वरता मुक्त
दमकता निसर्ग
स्व को व्यवहारिकता की
आग में तपा
निज को ब्रह्मांड से जोड़ना
हर पदार्थ
पद के अर्थ को
आत्मसात कर
सृजन प्रकिया में
समर्पित हो जाना
सांस शारीरिक है
स्पंदन रूहानी
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment