एक बूंद
-मंजुल भारद्वाज
एक बूंद आँख में शर्म
एक बूंद सहअनुभूति
एक बूंद दर्द
एक बूंद ज़मीर
एक बूंद अहसास
एक बूंद प्रकृति
एक बूंद विवेक
इंसानियत को ज़िंदा
रखने के बहुत है
मौत के इस वीराने में
बस वो एक बूंद नहीं मिलती!
#एकबूंदसहअनुभूति #मंजुलभारद्वाज
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