Thursday, November 7, 2019

ऐ चाँद – मंजुल भारद्वाज

ऐ चाँद
– मंजुल भारद्वाज

ऐ चाँद
आशिक़ों का महबूब
शायरों का सुरूर
तन्हाई में हम-नफ़स
हुश्न का शबाब है तू!

ऐ चाँद
स्याह राहों का राही
रात का चकोर
नाउम्मीद के अंधियारों में
उम्मीद का चराग है तू!

ऐ चाँद
मुक़द्दस है तेरा जलवा
मजहब की अकीदत
मोहब्बत का पैगाम है तू !
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#चाँद #मोहब्बत #मंजुलभारद्वाज

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