Tuesday, July 23, 2019

कविता - मंजुल भारद्वाज

कविता
- मंजुल भारद्वाज


विचार प्रवृति , विचार प्रकृति 
अपने दृष्टि आलोक के 
शब्दों पुष्पों को 
भावनाओं के आँचल में 
करीने से सजाकर 
एक गुलदस्ता बनाती है 
जिसको हम ‘कविता’ कहते हैं !
...
#कविता’ #मंजुलभारद्वाज

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