Friday, August 25, 2023

सांस चल रही है -मंजुल भारद्वाज

 सांस चल रही है

-मंजुल भारद्वाज 



बिखरती है 

संवरती है 

तेरी जुल्फ़ों सी 

ज़िंदगी भी !

करवटें बदलती है 

अदा के नमक से 

जुदा ज़िंदगी !

बस शरीर ढो रही है

परम्परा सी

सांस चल रही है 

व्यवहार निभाते हुए !

भला इश्क़ 

बिना इबादत 

कहाँ होता है !

#ज़िंदगी #इश्क़ #मंजुलभारद्वाज


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