Friday, March 10, 2023

अहिंसा मानवता का मुक्ति सूत्र है! -मंजुल भारद्वाज

 अहिंसा मानवता का मुक्ति सूत्र है!

-मंजुल भारद्वाज 
अहिंसा मानवता का मुक्ति सूत्र है!  -मंजुल भारद्वाज




एक हिन्दू राजा था 
कुंठा और हिंसा से लिप्त 
प्रतिशोध की अग्नि में जलता हुआ 
दिन रात तलवार की नोंक से 
अपना आधिपत्य स्थापित करते हुए
मनुष्यों के रक्त से स्नान करता हुआ 
वो युद्ध का उपासक था
एक युद्ध की विभीषका ने 
उसे झकझोर दिया 
उसका विवेक जागा
कलिंग की भूमि ने 
उस हिंसक राजा को 
बुद्ध की शरण में भेज दिया 
राजा ने अहिंसा को अपनाया 
और वो राजा 
दुनिया का चक्रवर्ती सम्राट कहलाया 
बुद्ध के उस अनुयायी ने 
राजनीति को जनकल्याण के 
रूप में प्रस्थापित किया 
सत्ता को न्याय का तख्त बनाया 
मानव के साथ पशु प्राणियों के 
अधिकार को सुनिश्चित किया 
आज भी उसका चक्र 
भारत के तिरंगे की शान है 
उसका चिन्ह 
भारतीय शासन की आन है 
वो है अहिंसा का अनुयायी 
सम्राट अशोक !

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