Wednesday, March 1, 2023

लोग चाहते हैं ! -मंजुल भारद्वाज

लोग चाहते हैं !

-मंजुल भारद्वाज
लोग चाहते हैं !  -मंजुल भारद्वाज


लोगों को पसंद है 
अंधाधुंध इस कथन पर चलना
धंधेबाज के लिए फायदेमंद 
और विवेकशील लोगों के लिए 
आत्मघाती होता है !
आज देश में यही हो रहा है
धंधेबाज अदानी और झूठश्री मोदी 
लोगों की पसंद हैं पर सवार हो
देश बेचकर मुनाफ़ा कमा रहे हैं !
विवेक के पैरोकार पस्त हैं 
भीड़ के आगे घुटने टेके हुए हैं 
झूठ को सच मान 
लोग यही चाहते हैं के आगे 
बेबस और लाचार हैं !
बुलडोज़र न्याय का प्रतीक है 
न्यायपालिका सो रही है 
न्यायधीशों ने न्याय देवी की 
आँखों पर बंधी पट्टी को 
अपनी आँखों पर बांध लिया है
लोगों की पसंद वाली सत्ता ने 
संविधान को सलीब पर टांग दिया है !
लोकतंत्र के पैरोकार पत्रकार
मालिक को पत्रकारिता का 
खेवनहार और मसीहा समझ रहे हैं 
मालिक नहीं छापता हमारी ख़बर 
तो क्या करें का रोना रो रहे हैं 
बच्चों की दुहाई दे
मालिक के लिए मुनाफ़ा कमाकर 
अपना पेट पाल रहे हैं 
विकारी संघ लोकतंत्र को भीड़तन्त्र बना रहा है !
क्या भारत हर पल झूठ बोलने वाले 
प्रधानमंत्री के लायक है?
क्या स्वतंत्रता के लिए 
अपना बलिदान देने वाले सेनानियों ने 
ऐसे ही भारतवासियों की कल्पना की थी 
जो अपना पेट पालने के लिए 
अपने लोकतंत्र को नीलाम कर दें !
ओ बच्चों की दुहाई देने वालो 
सोचो, सत्य के साथ खड़े हो 
आज नहीं बोले 
तो कल नहीं बचेगा 
तब आपकी संतानें क्या करेंगी !

No comments:

Post a Comment