चिरनिद्रा में सोयी भारत की आत्मा
- मंजुल भारद्वाज
राम नाम के नारों
राम नाम के जुमलों
राम के नाम बजने वाले
नींद बहुत आती है
घनी नींद में सो जाता है
देश राम राज्य के लिए
तड़ीपार,जुमलेबाज़,भक्तों का झुण्ड
गाय और भक्ति भाव का
करते है दोहन, चुनाव में
परचम लहराते हैं
हिन्दू ,हिन्दूतत्व और हिन्दुस्तान का
अपने ही देशवासियों की लाश पर
संविधान की अर्थी निकालते हुए
सुलाते हैं सांस्कृतिक चिंतन को
चिरकाल निद्रा में,
हर पल मर्यादा पुरुषोत्तम की
मर्यादाओं को तार तार करते हुए
चीर निद्रा में सोयी आत्मा
नहीं जागती अग्नि परीक्षा के लिए
बस शरीर स्वाहा हो जाते हैं
और सन्नाटे से आवाज़ आती रहती है
राम नाम सत है
चिरनिद्रा में सोने वालों की गत है !
No comments:
Post a Comment