Tuesday, April 5, 2022

मनुष्य से इतनी नफ़रत क्यों है? -मंजुल भारद्वाज

 मनुष्य से इतनी नफ़रत क्यों है?  

-मंजुल भारद्वाज

मनुष्य से इतनी नफ़रत क्यों है?    -मंजुल भारद्वाज

हमारे आसपास लाशें ढ़ोते हुए 

बुजुर्ग और महिलाएं दिखाए दे रहे हैं 

इनको हिन्दू प्रधानमंत्री के राज में 

एम्बुलेंस नहीं मिली 

पर क्या किसी को फ़र्क पड़ता है 

70 साल में कुछ नहीं हुआ की शिकार भीड़ को 

सुबह पार्कों में नाख़ून घिसकर

ताली पीटकर हाहाहा करते झुंड को

ज़ोर ज़ोर से विठल विठल चिल्लाते लोगों को 

महंगाई में जलते देश को?

पतंग के मांजे को जानलेवा बनाने वाले 

पक्षियों की जान लेने वाले 

चींटी,कबूतर,चिड़िया को दाना डाल

मोक्ष पाने वाले लोगों को 

क्या फ़र्क पड़ता है?

जब गंगा में बहती लाशों से फ़र्क नहीं पड़ा 

जब घर घर मरघट बना

देश श्मशान,कब्रिस्तान बना 

तब कोई फ़र्क नहीं पड़ा 

आखिर हमारे समाज को  

मनुष्य से इतनी नफ़रत क्यों है?

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