पत्थर से चिंगारी निकलती रहेगी !
-मंजुल भारद्वाज
अँधेरे का सम्राट
यह जान ले
अँधेरा अजर अमर नहीं है
उसका एक निश्चित काल है
अँधेरे का अंत तय है
अँधेरे का प्रतिरोध
सदा से है
जब बिजली नहीं थी
तब दीया था
जब दीया नहीं था
तब जुगनू थे
जब जुगनू नहीं थे
तब पत्थर थे
पत्थर से चिंगारी
निकलती रहेगी
अँधेरे में मशाल
जलती रहेगी
अँधेरे को परास्त
करती रहेगी !
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