Monday, April 18, 2022

गांधी - मंजुल भारद्वाज

 गांधी

- मंजुल भारद्वाज

गांधी समन्वय,समग्रता 

अहिंसा के मार्ग पर चलते हैं

जन में बसे राम को स्वीकारते हैं


गांधी - मंजुल भारद्वाज

गीता से राजनैतिक दर्शन लेते हैं

पर राम और कृष्ण के युद्ध को खारिज करते हैं !

गांधी के लिए सत्य ही ईश्वर है

सत्य, न्याय , समता ही धर्म है

असत्य - सत्य के द्वंद्व को 

गांधी आत्म संघर्ष 

आत्म मंथन करते हुए

 विवेक के आलोक से 

 सत्य तक पहुंचते हैं !

वर्ग संघर्ष के द्वेष को

आत्म संघर्ष का मार्ग दिखा

शत्रुता, हिंसा,नफरत को हटा

प्रेम ,सहिष्णुता ,बंधुता की दृष्टि

जन मानस में आलोकित कर 

इंसानी बदलाव का मार्ग प्रशस्त करते हैं !

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