कब होगा चुनाव एक पर्व !
-मंजुल भारद्वाज
झूठ,भ्रम,प्रपंच
सिर्फ़ सत्ताधीशों का दर्प
जनता के लिए कब होगा
चुनाव एक पर्व!
विकार का डंक
भाईचारा डस गया
हर भारतीय धर्म
जात पात में फंस गया
कब होगा भारतीय होने पर गर्व
चुनाव होगा लोकतंत्र का पर्व !
पैसों का चारों ओर डंका बज गया
विचार भीड़ से सरेआम पिट गया
कुचला गया चुनावी रैली में सत्य
अमीरों का शगल चुनाव
कब होगा सर्वहारा का पर्व !
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