जब अर्थव्यवस्था हिन्दू हो जाती है!
-मंजुल भारद्वाज
मेहनतकश जनता ने अपनी कमाई की
पाई पाई बचा बैंक में जमा कराई
मोशा ने नोटबंदी की
देश का कारोबार ठप्प हो गया
अर्थव्यवस्था चरमराई
जीडीपी धड़ाम से गिर गई
मोशा ने पूंजीपतियों से चंदा माँगा
गुप्त बांड का काला कानून
संसद की बहुमत वाली भीड़ से पारित कराया
पूंजीपतियों ने बैंकों से लोन लिया
गुप्त बांड से मोशा की पार्टी को दान किया
जितना चंदा आज मोशा की पार्टी के
खाते में जमा है
वो कुल डूबते बैंकों की रकम जितना है
मोशा के लिए मेहनतकश जनता
हिन्दू बन जाती है
रोते बिलखते सोचती है
मोशा ने किया है तो ठीक ही है
मोशा से मुक्ति
देश,संविधान बचाने की युक्ति
पर जब तक जनता हिन्दू है
तब तक मोशा की तानाशाही रहेगी
जिन दिन जनता अपने हिन्दू होने से
ऊपर उठ भारतीय बनेगी
उस दिन चुटकी में
मोशा का बर्बर साम्राज्य
ताश के पत्तों सा बिखर जाएगा!
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