साहिल
- मंजुल भारद्वाज
जवां होती तन्हाई ने
सागर की लहरों पर अंगड़ाई ली
आवेग,बैचेनी ,प्यास
साहिल को पाने की
लहर दर लहर उठती रही
लहरों और साहिल के दरम्यान
फ़ासला ज्यादा नहीं होता
दरकार है तो बस
अटूट,अदम्य हौंसले की!
#मंजुलभारद्वाज #साहिल
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