दृष्टि
- मंजुल भारद्वाज
जीवन दृष्टि जरुरी है
हर पल को...
सार्थक बनाने वाली....
जीवन को जीने वाली ...
जीवन दृष्टि जरुरी है
हाँ
जो पल नहीं पकड़ पाता
वो हमेशा,उन्हें पकड़ने
के लिए भागता रहता है
...भागता रहता है
....भागता रहता है
..और ये पल
गुजरजातें हैं....
जो फिर नहीं ...
आते...
यही पल हैं..जो हैं आपके हाथ ....
..आपका वर्तमान....
और आपने ..वर्तमान को पकड़ने का
हुनर सीख लिया
तो...
भूत और भविष्य...
आपके ..कदमों
में सर झुकातें हैं
यही पल हैं..जो हैं आपके
हाथ ....
जीवन दृष्टि जरुरी है
हर पल को...
सार्थक बनाने वाली....
जीवन को जीने वाली ...जीवन दृष्टि जरुरी है
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